हेलो दोस्तों !
आज की इस Programming Approaches in Hindi | प्रोग्रामिंग एप्रोच पोस्ट में हम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की कुछ approaches के बारे में चर्चा करेंगे जैसे top down ,bottom up ,structure and modular . तो दोस्तों अगर आप इन approaches को अच्छी तरह समझना चाहते है तो पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
इस पोस्ट के मुख्य विषय निन्म है :-
- programming approach क्या है ? what is programming approach .
- programming approach के प्रकार। types of programming approach .
- programming approach का use क्या है।
1.programming approach क्या है :-
तो दोस्तों सबसे पहले हम यह जान लेते है की programming approach क्या होती है ?
प्रोग्रामिंग एप्रोच से हमें पता चल जाता है की कौन सी प्रोग्रामिंग efficient है। क्योकि प्रोग्रामिंग एप्रोच किसी प्रोग्रामिंग की बेसिक functionality को दिखती है। प्रोग्रामिंग एप्रोच की मदद से हम अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को चुन सकते है। और अपने प्रोग्राम उस प्रोग्रामिंग में बना सकते है।
प्रोग्रामिंग एप्रोच यह भी बताती है की किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखा गया प्रोग्राम कैसे वर्क करता है उसका नेचर क्या है। वह प्रोग्राम top down approach या bottom up approach का यूज़ करता है किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए। हम आगे टॉप डाउन और बॉटम अप एप्रोच के बारे में पढ़ेंगे।
2.programming approach के प्रकार :-
दोस्तों अब हम programming approach के प्रकार (types ) को जान लेते है की यह कितने प्रकार की होती है ?
दोस्तों प्रोग्रामिंग एप्रोच कई प्रकार की होती है मगर हम यह केवल चार प्रोग्रामिंग एप्रोच पर चर्चा करेंगे। क्योकि इन्हीं का ज्यादा यूज़ किया जाता है। काफी सारी प्रोग्रामिंग इन्ही एप्रोच को फॉलो करती है। तो वो चार प्रोग्रामिंग एप्रोच निन्म है :-
- top down programming approach
- bottom up programming approach
- modular programming approach
- structured programming approach
वैसे तो दो ही प्रोग्रामिंग एप्रोच मानी जाती है। जिसमे से पहली top down होती है और दूसरी bottom उप होती है बाकि की approaches कहीं-न-कहीं इन्हीं एप्रोच की विशेषताएं inherit करती है।
1.top down programming approach :-
टॉप डाउन एप्रोच एक ऐसी एप्रोच होती है जिसमें हमें मुख्य टास्क पता होता है की हमें किस लिए प्रोग्राम बनाना है लेकिन हमें यह पता नहीं होता है की इसे किस प्रकार बनाना है। इस एप्रोच में मुख्य कार्य पर फोकस किया जाता है। की मुख्य कार्य हो रहा है या नहीं। यह एप्रोच टॉप से डाउन यानी की ऊपर से नीचे की ओर चलती है।
इसमें पहले मुख्य समस्या डिफाइन की जाती है। फिर इस मुख्य समस्या को ध्यान में रख कर प्रॉब्लम को आगे सॉल्व किया जाता है। इसमें मुख्य प्रॉब्लम को ध्यान में रख कर इसे सम्बंधित सब प्रॉब्लम में बांटा जाता है। इन सब प्रॉब्लम को मुख्य प्रॉब्लम को ध्यान में रख कर डिज़ाइन किया जाता है। इसलिए हम कह सकते है की इस एप्रोच में मुख्य प्रॉब्लम पर पूरा फोकस किया जाता है।
इस एप्रोच को फॉलो करने वाली कुछ प्रोग्रामिंग निन्म है :- c,visual basic,pascal,fortran.
2.bottom up programming approach :-
बॉटम अप एप्रोच एक ऐसी एप्रोच होती है जिसमे हमें मुख्य कार्य पता नहीं होता है। की हमें क्या करना है। लेकिन हमें यह पता होता है की मुख्य प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए इन कार्यों को करना होगा। इस एप्रोच में हम सब प्रॉब्लम को सॉल्व करते हुए main प्रॉब्लम तक पहुंचते है। जब तक हम मुख्य प्रॉब्लम तक नहीं पहुंच जाते तब तक हमें यह पता नहीं होता है की मुख्य प्रॉब्लम क्या है।
यह एप्रोच बॉटम से अप यानी की नीचे से ऊपर के और चलती है या कार्य करती है। इस एप्रोच में हम केवल सब प्रॉब्लम को सॉल्व करते जाते है और अपने मुख्य प्रॉब्लम तक पहुंचते है। इस एप्रोच में मुख्य प्रॉब्लम या प्रोसीजर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। इसमें डाटा तथा डाटा की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाता है।
इस एप्रोच को फॉलो करने वाली कुछ प्रोग्रामिंग निन्म है :- c++,java,vb.net.c#.
3.modular programming approach :-
मॉडुलर प्रोग्रामिंग एप्रोच एक ऐसी एप्रोच है जिसमे किसी बड़ी प्रॉब्लम को छोटी -छोटी सब प्रोब्लेम्स में बांटकर सॉल्व किया जाता है। इसमें भी हम बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व करने पर फोकस करते है और उसी के अनुसार सब प्रॉब्लम बनाते है। ताकि बड़ी प्रॉब्लम को इनकी सहायता से आसानी से सॉल्व किया जा सके।
इस एप्रोच में जो छोटी -छोटी सब प्रॉब्लम होती है और मिलकर किसी एक कार्य को करती है उन्हें हम मॉडूल कहते है। इन module का यूज़ करने के कारण ही इस प्रोग्रामिंग को हम मॉडुलर प्रोग्रामिंग एप्रोच कहते है। इस एप्रोच में टॉप डाउन एप्रोच की तरह कुछ विशेषताओं होती है। इसमें आपको टॉप डाउन एप्रोच की कुछ विशेषताएं मिल जाएँगी।
4.structured programming approach :-
स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामिंग एप्रोच लगभग मॉडुलर एप्रोच की तरह ही होती है। इसमें में भी मॉडुलर एप्रोच की तरह कुछ विशेषताएं होती है। स्ट्रक्चर्ड एप्रोच में if स्टेटमेंट ,goto स्टेटमेंट तथा लूप जैसे स्टेटमेंट का ज्यादा यूज़ किया जाता है किसी लॉजिक को पूरा करने के लिए। स्ट्रक्चर्ड एप्रोच में भी प्रोसेस पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
इस एप्रोच में किसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए जो सब प्रोग्राम होते है उनके समूह को हम एक स्ट्रक्चर की तरह यूज़ करते है। जब जिस सब प्रोग्राम की जरुरत होती है तभी उसे कॉल किया जाता है। इसमें भी अलग -अलग कार्य के लिए अलग -अलग फंक्शन या सब फंक्शन बनाये जाते है।
3.programming approach का use क्या है :-
दोस्तों अब हम यह जान लेते है की programming approach का use क्या है ?
दोस्तों जैसा की अपने ऊपर देखा की काफी सारी प्रोग्रामिंग इन approaches को फॉलो करती है। इसलिए इन approaches की मदद से किसी प्रोग्रामिंग के नेचर को पता किया जा सकता है की वह किस प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। जो प्रोग्रामिंग जिस एप्रोच को फॉलो करती है वह उसी तरह के फीचर प्रदान कराती है।
इन approaches के यूज़ से हमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के फीचर को पता करने में परेशानी नहीं होती है। हर सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज किसी-न-किसी एप्रोच को जरूर फॉलो करती है। इसलिए हमें यह पता लगाना मुश्किल नहीं होता है की वह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नेचर क्या है वह कैसे कार्य करती है।
दोस्तों हम इन approaches का यूज़ किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को बनाने के लिए भी कर सकते है। जो की एक बहुत कठिन प्रोसेस होती है। हम इन approaches के मदद से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को डिज़ाइन कर उसे बना सकते है। हम जिस एप्रोच का यूज़ अपनी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को बनाने में करेंगे वह उसी प्रकार के फीचर प्रदान करेगी।
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Author :- तो दोस्तों हमारी यह Programming Approaches in Hindi | प्रोग्रामिंग एप्रोच पोस्ट अब ख़त्म होती है। हम आशा करते है की हमारी यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आई होगी। और आप प्रोग्रामिंग एप्रोच को अच्छी तरह समझ गए होंगे। तो दोस्तों अगर आपको लगता है की यह पोस्ट आपके दोस्तों को भी पसंद आएगी तो उन्हें भी यह पोस्ट शेयर करें। धन्यवाद !
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