हेलो दोस्तों !
आज की इस program के design से program के execution की speed क्यों affect होती है पोस्ट में हम जानेंगे की कैसे प्रोग्राम का डिज़ाइन प्रोग्राम के execution को प्रभावित(affect) करता है। क्यों प्रोग्राम के डिज़ाइन से प्रोग्राम का execution प्रभावित होता है।
इस पोस्ट के मुख्य विषय निन्म है :-
- program speed क्या है? what is program speed?
- program का design प्रोग्राम की execution speed को कैसे affect करता है ?
- प्रोग्राम की speed क्यों जरुरी होती है ?
1.program speed क्या है :-
तो दोस्तों सबसे पहले हम यह जान लेते है की Program speed क्या होती है ?
दोस्तों आप चाहे जिस प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम लिखें हर प्रोग्राम की अपनी स्पीड होती है। हर प्रोग्राम को रन होने में कुछ समय लगता है। इसी समय को हम प्रोग्राम स्पीड कह सकते है। अर्थात प्रोग्राम के execute होने में लगने वाला समय ही प्रोग्राम की स्पीड कहलाती है। जो की हर प्रोग्राम की अलग -अलग हो सकती है। चाहें वे एक ही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में ही क्यों न लिखे गए हो।
प्रोग्राम की स्पीड बहुत जरुरी होती है क्योकि अगर आपका प्रोग्राम फ़ास्ट नहीं होगा तो आप उस काम को जल्दी नहीं कर पाएंगे और काफी समय लगेगा। इसलिए प्रोग्राम की स्पीड इम्पोर्टेन्ट होती है। प्रोग्राम की स्पीड हमेशा ही फ़ास्ट नहीं थी पहले के प्रोग्राम काफी धीमे हुआ करते थे आज के प्रोग्राम की स्पीड की तुलना में।
आपके मोबाइल या डेस्कटॉप में काफी सारे apps या सॉफ्टवेयर होंगे। ये भी प्रोग्राम से ही बने होते है इसलिए हम कह सकते है की ये प्रोग्राम ही होते है और इनकी भी अपनी अलग -अलग स्पीड होती है। कोई सॉफ्टवेयर अच्छी गति से वर्क करता है तो कोई सॉफ्टवेयर धीमी गति से कार्य करता है। यह सब प्रोग्राम की स्पीड के ही example है।
दोस्तों हम लोग जो भी प्रोग्राम बनाते है चाहें वह किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में बने हो। उन सभी प्रोग्राम की अपनी गति होती है। यह गति उनके किसी कार्य को करने पर पता चलती है। क्योकि हम किसी भी प्रोग्राम को किसी कार्य को करने के लिए ही बनाते है। जब प्रोग्राम उस कार्य को करता है तो उसकी स्पीड पता चलती है। और जो स्पीड प्रोग्राम की होती है उसे प्रोग्राम की स्पीड कहते है।
2.program का design प्रोग्राम की execution speed को कैसे affect करता है :-
तो दोस्तों अब हम जान लेते है की कैसे program की design program के execution को प्रभावित(affect) करती है ?
दोस्तों वैसे तो प्रोग्राम की स्पीड को काफी सारी चीज़े प्रभावित (affect ) करती है। किसी भी प्रोग्राम की स्पीड काफी सारी चीज़ों पर निर्भर करती है। उनमें प्रोग्राम की डिज़ाइन भी आती है। प्रोग्राम की स्पीड CPU(control processing unit) पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। प्रोग्राम का डिज़ाइन प्रोग्राम की स्पीड को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करता है।
प्रोग्राम के डिज़ाइन से ज्यादा प्रोग्राम की स्पीड को प्रभावित नहीं करता है लेकिन करता है। दोस्तों आप देखते होंगे की जब हम छोटे -छोटे प्रोग्राम को बनाकर रन करते है तो हमें इससे यह पता नहीं चलता है की प्रोग्राम की स्पीड धीमी है या तेज। हमें ऐसा लगता है की हमारा प्रोग्राम काफी फ़ास्ट रन हो रहा है। लेकिन ऐसा असल में होता नहीं है।
हमें ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि हमारा प्रोग्राम काफी छोटा होता है जिसे हमारा कंप्यूटर काफी जल्दी रन कर देता है। लेकिन जब हम इसी कंप्यूटर पर बड़े -बड़े programs को रन करते है तो इससे पता चलता है की हमारा प्रोग्राम फ़ास्ट है या धीमा। हमारे प्रोग्राम की ख़राब डिज़ाइन हमारे प्रोग्राम की स्पीड को कुछ हद तक प्रभावित करती है।
दोस्तों जब हम प्रोग्राम को बनाते है तो हम प्रोग्राम में वेरिएबल्स बनाते है जो मेमोरी एड्रेस का नाम होते है। इन्हीं वेरिएबल को जब हम अच्छे से मैनेज नहीं कर पाते है और बहुत सारे वेरिएबल बनाते जाते है जिनका प्रोग्राम में यूज़ नहीं है। तो इसकी वजह से हमारा प्रोग्राम कुछ हद तक धीमा (slow) होता है।
मान लीजिए हमने दो प्रोग्राम बनाये है। और दोनों प्रोग्राम को एक ही काम के लिए बनाये है। लेकिन एक प्रोग्राम में हमने वेरिएबल को अच्छी मैनेज किया है और दूसरे प्रोग्राम में हमने वेरिएबल को अच्छी तरह मैनेज नहीं किया है। तो जिस प्रोग्राम में वेरिएबल को अच्छी तरह मैनेज किया गया है वह प्रोग्राम दूसरे प्रोग्राम की अपेक्षा तेज़ गति से कार्य करेगा।
इसलिए बड़े प्रोग्राम को बनाते समय अच्छी तरह डिज़ाइन करना चाहिए। ताकि हमारा प्रोग्राम कम मेमोरी consume करें और हमारा प्रोग्राम फ़ास्ट वर्क करें। प्रोग्राम का डिज़ाइन प्रोग्राम की स्पीड को affect करता है इसलिए डिज़ाइन पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है।
3.प्रोग्राम की speed क्यों जरुरी होती है:-
तो दोस्तों अब हम जान लेते है की program की speed क्यों जरुरी होती है ?
तो दोस्तों शायद आप इस सवाल का जवाब पहले से जानते हो की प्रोग्राम की स्पीड को जरुरी है। क्योंकि यह बड़ा ही साधारण सा सवाल है। लेकिन भले ही यह सवाल साधारण हो लेकिन इसका जवाब साधारण नहीं है इससे काफी सारी चीज़े प्रभावित होती है। यह तक की आपके मोबाइल में चलने वाले apps तक प्रभावित होते है।
ऐसा हम क्यों कह रहे है की आपके मोबाइल के apps भी इससे प्रभावित होते है। यह इसलिए क्योंकि आप जानते है की प्रोग्राम से मिलकर ही apps या सॉफ्टवेयर बनते है फिर चाहे वो apps मोबाइल के लिए हो या कंप्यूटर के लिए दोनों के लिए जो apps बनाये जाते है उन्हें छोटे छोटे प्रोग्राम की मदद से बनाया जाता है।
और अगर हम यह कहे की वह प्रोग्राम ही slow हो जिनका यूज़ आपके मोबाइल app को develop करने में किया गया है तो क्या हो ज्यादा कुछ नहीं हो बस आप मोबाइल को बहुत धीमी गति से चला पाए। क्योकि प्रोग्राम स्लो होने के कारण apps स्लो हो जायेंगे जिससे पूरा मोबाइल स्लो हो जायेगा।
जैसा की आपको पता ही होगा की हमारे मोबाइल और कंप्यूटर में सभी काम हम इन apps की मदद से करते है। तो वो सारे काम आप तेज गति से नहीं कर पाएंगे। आपको उन काम को करने के लिए काफी टाइम देने की जरुरत पड़ेगी।
तो दोस्तों हमारे मोबाइल या कंप्यूटर के apps या सॉफ्टवेयर को फ़ास्ट गति से वर्क कराने के लिए प्रोग्राम की स्पीड का होना बहुत जरुरी होता है। प्रोग्राम की स्पीड ही सॉफ्टवेयर को फ़ास्ट करती है। तो दोस्तों अब शायद आप समझ गए होंगे की प्रोग्राम की स्पीड क्यों जरुरी होती है।
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Author :- तो दोस्तों अब हमारी यह program के design से program के execution की speed क्यों affect होती है पोस्ट ख़त्म होती है हम आशा करते है की आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी और अपने इस पोस्ट की मदद से यह भी जान गए होंगे की क्यों प्रोग्राम का design प्रोग्राम की स्पीड को प्रभावित करता है। तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही मिलते है ऐसी ही किसी नई पोस्ट में तब तक के लिए अलविदा !
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