हेलो दोस्तों !
आज की इस what is stored program concept in [Hindi] | full explain पोस्ट में हम स्टोर्ड प्रोग्राम concept के बारे में चर्चा करेंगे और इसे अच्छी तरह समझने का प्रयास करेंगे। तो स्टोर्ड प्रोग्राम concept को अच्छी तरह समझने के लिए पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
इस पोस्ट के मुख्य विषय निन्म है :-
- stored program concept क्या है ?what is stored program concept .
- stored program concept के भाग कौन -कौन से है ?
- diagram of stored program concept .
1. stored program concept क्या है :-
तो दोस्तों सबसे पहले हम stored program concept के बारे में जान लेते है की यह क्या होता है ?
दोस्तों stored program concept में किसी प्रोग्राम के data तथा instruction को साथ में एक ही मेमोरी में binary रूप स्टोर किया जाता है। प्रोग्राम में data और instruction को एक्सेस करने के लिए एक ही bus का यूज़ किया जाता है। एक ही bus से data तथा instructions को read और write किया जाता है।
stored program concept von neumann की देन है। उन्होंने ही इस concept को पहली बार लोगों के समक्ष पेश किया था। इसे हम von neumann architecture भी कहते है। जो stored program concept है। stored program concept में डाटा को मेमोरी में कैसे स्टोर किया जाय इस पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस आर्किटेक्चर का यूज़ आज के समय में कम होता जा रहा है। इसका कारण है इस आर्किटेक्चर का यूज़ करने वाले कंप्यूटर ज्यादा तेजी से कार्य नहीं कर पाते है। इसलिए इसका यूज़ आज के समय में दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है।
इस आर्किटेक्चर में data और instruction को एक ही मेमोरी में रखने के कारण इनको एक ही bus से एक्सेस किया जाता है। जिस कारण इसमें bottleneck की प्रॉब्लम आती है और इसकी स्पीड कम हो जाती है। और इससे सिस्टम की परफॉरमेंस में कमी आती है।
2. stored program concept के भाग कौन -कौन से है :-
दोस्तों अब हम stored program concept के कुछ मुख्य भागों को जान लेते है की वो कौन -कौन से होते है और क्या कार्य करते है ?
units of stored program concept :-
- Control processing unit(CPU)
- Arithmetic and logic unit(ALU)
- Registers unit
- Main memory unit
- Input output unit
- Buses
दोस्तों अब हम इन सभी यूनिट्स के बारे में थोड़ा विस्तार से जानेंगे।
(i).Control processing unit(CPU) :-
दोस्तों स्टोर्ड प्रोग्राम की कंट्रोल यूनिट वह यूनिट है जहाँ से सभी प्रोसेस को कंट्रोल किया जाता है। कंट्रोल यूनिट सभी कार्य की देखरेख करता है और सभी कार्य को सिस्टेमेटिक रूप से पूरा करता है। जिस कार्य को जल्दी करना है उसे जल्दी करता है और जिस कार्य को बाद में करना है उसे बाद में करता है।
कंट्रोल यूनिट स्वयं कोई भी कार्य नहीं करता है यह जो भी कार्य हो रहे है उन्हें कंट्रोल करता है। और सभी कार्यों को सही ढंग से पूरा करता है। स्टोर्ड प्रोग्राम के बाकि यूनिट्स को पता नहीं होता है की कब कार्य करना है और कब नहीं करना है यह भी कंट्रोल यूनिट ही बताता है की कोई भी काम कब करना है।
स्टोर्ड प्रोग्राम concept तो केवल मेमोरी के लिए जाना जाता है की एक ही मेमोरी में डाटा और इंस्ट्रक्शन्स को रखना है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी भूमिका कंट्रोल यूनिट की होती है। क्योंकि कंट्रोल यूनिट ही सभी कामों को कंट्रोल करता है।
(ii).Arithmetic and logic unit(ALU) :-
दोस्तों इसे हम सॉर्ट में ALU भी कहते है। यह भी स्टोर्ड प्रोग्राम का एक पार्ट माना जाता है। इसका कार्य अरिथमेटिक और लॉजिक ऑपरेशन को पूरा करना होता है। arithmetic ऑपरेशन जैसे जोड़ ,घटना ,गुणा,भाग आदि कार्य arithmetic ऑपरेशन में आते है। और लॉजिक ऑपरेशन में or ,xor ,and जैसे ऑपरेशन होते है।
arithmetic यूनिट को लॉजिक गेट्स की मदद से बनाया जाता है जिसमे एक ओर से डाटा को भेजने पर दूसरी ओर से इस डाटा पर होने वाला ऑपरेशन पूरा होकर रिजल्ट निकलता है। जैसे अगर हमें दो नंबर्स को जोड़ना है तो हम इस लॉजिक गेट में दो नंबर्स को bytes के रूप में भेजेंगे और दूसरी ओर से इसका रिजल्ट निकलेगा। जोकि उन दोनों नंबर्स का सम होगा।
(iii).Registers unit :-
दोस्तों रजिस्टर ऐसे यूनिट होते है जिनमे ऐसे कार्य को करने के लिए डाटा या इंस्ट्रक्शन रखी होती है जिसका या तो बार -बार यूज़ होना है या इसका अभी यूज़ होना है। यह एक प्रकार से cache मेमोरी की तरह ही होता है। जिसम कुछ इम्पोर्टेन्ट डाटा को रखा जाता है। रजिस्टर में उन कार्य को रखा जाता है जिनको जल्दी से फ़ास्ट पूरा करना होता है।
ये भी कई प्रकार के होते है जैसे -
1 . accumulator :- accumulator वह रजिस्टर होता है। जिसमे ALU के द्वारा दिए गए रिजल्ट को रखता है। जो कार्य करके ALU रिजल्ट देता है उसे इसी रजिस्टर में रखा जाता है।
2.program counter :- यह रजिस्टर अभी होने वाले ऑपरेशन के इंस्ट्रक्शनके लिए मेमोरी लोकेशन को track करता है। ताकि यह कार्य जल्दी से पूरा हो सके।
3.memory data register :- यह रजिस्टर मेमोरी से रीड हुए डाटा या इंस्ट्रक्शन को स्टोर करके रखता है। ताकि उसे जल्दी से रीड करके कार्य को पूरा किया जा सके।
4.current instructions register :- जैसा की इसके नाम से पता चलता है की यह अभी ढूढ़े गए इंस्ट्रक्शन को स्टोर करके रखता है। ताकि इन इंस्ट्रक्शन का उसे जल्दी से किसी कार्य को पूरा करने के लिए किया जा सके।
5.memory address register :- यह रजिस्टर उन ऑपरेशन के लिए मेमोरी लोकेशन स्टोर करके रखता है जिन्हे जल्दी पूरा करना है या अभी पूरा करना है।
6. instruction buffer register :- जो इंस्ट्रक्शन अभी पूरा नहीं हो सके है उनको इस रजिस्टर में स्टोर करके रखा जाता है। ताकि इन्हे दुबारा जल्दी से पूरा किया जा सके।
(iv).Main memory unit :-
main मेमोरी यूनिट यही वह यूनिट है जहा सारा डाटा और इंस्ट्रक्शन्स स्टोर रहती है। जैसा की स्टोर्ड प्रोग्राम का concept है की डाटा और instruction एक ही मेमोरी में स्टोर होंगे। तो यह वही मेमोरी है जिसमे उन सभी डाटा और इंस्ट्रक्शन को स्टोर किया जाता है जिनको प्रोग्राम में यूज़ करना है। किसी कार्य को पूरा करने के लिए।
इसी मेमोरी से प्रोग्राम के लिए डाटा को रीड और write किया जाता है। क्योकि सारा डाटा इसी में स्टोर रहता है। कंट्रोल यूनिट के बाद यह दूसरा सबसे इम्पोर्टेन्ट यूनिट माना जाता है। किसी प्रोग्राम को अच्छी तरह कार्य को पूरा करने के लिए।
(v).Input output unit :-
दोस्तों यही वह यूनिट है जो हमारे संपर्क में रहती है। इसी यूनिट के द्वारा किसी प्रोग्राम को इनपुट दिया जाता है। और इसी यूनिट में उस प्रोग्राम का रिजल्ट शो होता है। इसी यूनिट के माध्यम से हम यह जान पाते है की हमारे द्वारा दिए गए कार्य को यह प्रोग्राम अच्छी तरह पूरा किया या नहीं किया।
यह यूनिट पूरी तरह से यूजर के संपर्क में होती है। जहाँ से यूजर प्रोग्राम को इनपुट देता है और उस रिजल्ट को देखता है। और यह decide करता है की यह प्रोग्राम अच्छी तरह कार्य कर रहा है या नहीं।
(vi).Buses :-
दोस्तों यह स्टोर्ड प्रोग्राम का लास्ट भाग है जिसका अपने आप में बहुत महत्व है। वैसे तो अभी भाग का अपना -अपना महत्व होता है। लेकिन इसका महत्व किसी डाटा या इंस्ट्रक्शन को ले जाने का होता है। यही वह यूनिट होती है जो मेमोरी से डाटा और इंस्ट्रक्शन को रीड तथा write करके डाटा और इंस्ट्रक्शन को कंट्रोल यूनिट तक ले जाती है।
कंट्रोल यूनिट से डाटा को भेजने या इंस्ट्रक्शन को भेजने का काम buses का होता है। बसी ही सारे डाटा और इंस्ट्रक्शन को यहाँ वहाँ ले जाने का काम करती है। जैसे एक वायर करंट को ले जाती है यह भी उसी प्रकार करंट के रूप में डाटा को ले जाती है।
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Author :- तो दोस्तों अब हमारी यह पोस्ट यही पर ख़त्म होती है। हम आशा करते है की हमारी यह what is stored program concept in [Hindi] | full explain पोस्ट आपको जरूर पसंद आई होगी। और आप स्टोर्ड प्रोग्राम concept को अच्छी तरह समझ गए होंगे। दोस्तों अगर आपको लगता है की इस पोस्ट में कुछ कमी है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये। हम उस कमी को दूर करने का प्रयास करेंगे। धन्यवाद !
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